۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
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हौज़ा/शहीद क़ासिम सुलैमानी की बरसी पर उनके घरवालों और उनकी बरसी के प्रोग्राम करने वाली कमेटी के सदस्यों ने शनिवार को तेहरान में सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सच्चाई और निष्ठा को सुलैमानी मत की ख़ास पहिचान बताया। उन्होंने इलाक़े की जवान नस्ल में शहीद क़ासिम सुसैमानी के आदर्श होने का ज़िक्र करते हुए कहा: प्रिय सुलैमानी ईरान की सबसे बड़ी राष्ट्र प्रेमी और इस्लामी दुनिया की बहुत बड़ी सेवा करने वाली इस्लामी जगत के स्तर की शख़्सियत थे,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने शहीद क़ासिम सुलैमानी की बरसी पर उनके घरवालों और उनकी बरसी के प्रोग्राम करने वाली कमेटी के सदस्यों ने शनिवार को तेहरान में सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सच्चाई और निष्ठा को सुलैमानी मत की ख़ास पहिचान बताया। उन्होंने इलाक़े की जवान नस्ल में शहीद क़ासिम सुसैमानी के आदर्श होने का ज़िक्र करते हुए कहा: प्रिय सुलैमानी ईरान की सबसे बड़ी राष्ट्र प्रेमी और इस्लामी दुनिया की बहुत बड़ी सेवा करने वाली इस्लामी जगत के स्तर की शख़्सियत थे,और

उन्होंने जनरल सुलैमानी की शहादत की घटना को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय घटना बताया और कहाः “पूरे ईरान में आम लोगों के स्तर पर शहीद सुलैमानी को नित नए तरीक़े से श्रद्धांजलि से पता चलता है कि इस महान शहीद के उच्च स्थान की क़द्रदानी करने में ईरानी क़ौम अग्रणी है।
सुप्रीम लीडर ने पवित्र क़ुरआन की कई आयतों का हवाला देते हुए कहा: सच्चाई और ख़ुलूस, सुलैमानी मत की बुनियाद है।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा कि जनरल सुलैमानी ने अल्लाह से किए वादे को पूरी सच्चाई से निभाया और इमाम ख़ुमैनी तथा इस्लाम और क्रांति के लक्ष्यों के प्रति पूर्ण निष्ठा का प्रदर्शन किया जिससे उनकी सेवाओं की बरकतें सामने आयीं।
उन्होंने कहा कि ईरानी क़ौम के प्रिय जनरल आकांक्षाओं के रास्ते में संघर्ष की सख़्तियों ख़ुशी से बर्दाश्त करते रहे और सारी उम्र पूरे ध्यान से ईरानी क़ौम और इस्लामी दुनिया के संबंध में अपनी ज़िम्मेदारी के प्रति वफ़ादार रहे।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने उन लोगों की आलोचना की जो जाने या अनजाने में राष्ट्र और इस्लामी जगत को दो अलग-अलग चीज़ दर्शाने के दुश्मन के रास्ते पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनाब सुलैमानी ने साबित कर दिखाया कि सबसे ज़्यादा राष्ट्र का हमदर्द होने के साथ साथ इस्लामी जगत की सबसे ज़्यादा सेवा करने वाला भी हुआ जा सकता है।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने, शहीद सुलैमानी के जुलूसे जनाज़ा में दसियों लाख की तादाद में लोगों की शिरकत का ज़िक्र करते हुए कहा: इस हक़ीक़त से पता चलता है कि जनाब क़ासिम सुलैमानी सबसे बड़ा राष्ट्रीय चेहरा थे और हैं, साथ ही इस्लामी दुनिया में दिन ब दिन बढ़ती उनके नाम की चर्चा और असर से साबित होता है कि प्रिय सुलैमानी इस्लामी जगत में भी सबसे बड़ा चेहरा थे और हैं।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने शहीद क़ासिम सुलैमानी को संघर्ष का प्रतीक और हैरतअंगेज काम करने वाला बताया। उन्होंने कहा: ईरानी क़ौम के चैंपियन जनरल सभी कामों और अनथक संघर्ष में क़ाबिले तारीफ़ हद तक बहादुरी के साथ साथ गहरी सूझबूझ का परिचय देते थे और इसके साथ ही वह दुश्मन, उसके संसाधनों की सही पहचान के साथ, निडर होकर समझदारी और मज़बूती से मैदान में मुक़ाबले के लिए उतरते और हैरतअंगेज कारनामे करते थे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की तरफ़ से जनरल सुलैमानी की सराहना, अल्लाह से किए गए वादे को पूरा करने में उनके ख़ुलूस का नतीजा है।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने “ख़ुलूस और अल्लाह के लिए काम” को शहीद क़ासिम सुलैमानी की एक और ख़ूबी और उनके काम में बेमिसाल बर्कत की बुनियादी वजह बताते हुए कहाः “वह किसी भी काम को अंजाम देने में नाम कमाने से बचते थे और दिखावे व बड़ी बड़ी बातें करने से दूर रहते थे।”
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने कहाः शहीद सुलैमानी के जनाज़े के जुलूस में दलियों लाख लोगों की मौजूदगी और विश्व में उनके नाम की चर्चा, उनके ख़ुलूस का अल्लाह की तरफ़ से पहला इमान व बदला था।
उन्होंने इस्लामी जगत और इलाक़े के जवानों के बीच शहीद क़ासिम सुलैमानी के आइडियल होने का ज़िक्र करते हुए कहाः आज हमारे क्षेत्र में जनरल क़ासिम सुलैमानी उम्मीद, आत्म विश्वास और बहादुरी का प्रतीक तथा प्रतिरोध व कामयाबी का पर्याय बन चुके हैं और कुछ लोगों ने बिल्कुल सही कहा है कि ‘शहीद’ सुलैमानी अपने दुश्मनों के लिए ‘जनरल’ सुलैमानी से ज़्यादा ख़तरनाक हैं।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहाः दुश्मन सोच रहे थे कि सुलैमानी, अबू महदी और उनके दूसरे साथियों की शहादत से काम तमाम हो जाएगा, लेकिन आज इस प्रिय के मज़लूमाना ख़ून की बर्कत से अमरीका अफ़ग़ानिस्तान के निकल भागा है, इराक़ से निकलने का दिखावा करने और सलाहकार के तौर पर किरदार अदा करने का एलान करने पर मजबूर हुआ है। अलबत्ता हमारे इराक़ी भाइयों को इस मामले पर होशियारी से नज़र रखनी चाहिए।
सर्वोच्च नेता ने कहा कि यमन में प्रतिरोध का मोर्चा आगे बढ़ता जा रहा है, सीरिया में दुश्मन को धूल चटा दी गई है और वह भविष्य की ओर से पूरी तरह निराश हो चुका है, कुल मिलाकर इलाक़े में साम्राज्यवाद विरोधी मोर्चा, आज दो साल पहले की तुलना में ज़्यादा उम्मीद, ज़्यादा हौसले के साथ और ज़्यादा लगन के साथ काम कर रहा और आगे बढ़ रहा है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने शहीदों के बच्चों के साथ शहीद सुलैमानी के मेहरबानी भरे बर्ताव की एक मिसाल पेश करते हुए कहाः वह प्रिय शहीद जो शहीदों के घर वालों के सामने इतनी नर्मी व मेहरबानी का प्रदर्शन करते थे, देश-विदेश के दुष्ट व विनाशकारी तत्वों के मुक़ाबले में इतने अटल व सख़्त थे कि किसी इलाक़े में उनकी मौजूदगी की ख़बर से ही दुश्मन के हौसले पस्त हो जाते थे।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने कहा कि साम्राज्यवादियों की साइबर स्पेस में शहीद सुलैमानी को सेंसर करने की नीति यह बताती है कि वे उनके नाम तक से डरते हैं और उन्हें चिंता है कि कहीं यह ज़बरदस्त आयडियल हस्ती दुनिया भर में आइडियल न बन जाए। उन्होंने कहाः आज की दुनिया में साइबर स्पेस, साम्राज्यवादियों के हाथ में है और इस मसले के संबंध में देश के अधिकारियों को भी चौकन्ना रहना चाहिए कि वे ऐसी व्यवस्था करें कि दुश्मन साइबर स्पेस के मैदान में मनमानी न कर सके।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने शहीद सुलैमानी को एक अमर हक़ीक़त बताते हुए कहाः ट्रम्प और इस जैसे उनके क़ातिल इतिहास में भुला दिए गए लोगों में होंगे और इतिहास के कूड़ेदान में ग़ायब हो जाएंगे, अलबत्ता इस दुनिया में अपने जुर्म की क़ीमत चुकाने के बाद।


उन्होंने शहीद सुलैमानी के प्रतिरोध के मुबारक मिशन को जारी रखने और इसे आगे बढ़ाने में शहीद के घरवालों, उनके साथियों, दोस्तों और ख़ास तौर पर आईआरजीसी की क़ुद्स फ़ोर्स के कमांडर जनरल क़ाआनी की गतिविधियों की सरहाना करते हुए कहाः अल्लाह ने अपने इरादे और लक्ष्य की तरफ़ बढ़ने वालों से मदद व रक्षा का वादा किया है और ईरानी राष्ट्र भी इस उम्मीद जगाने वाले वादे में का पात्र होगा।

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